दुर्लभ जी हॉस्पिटल में राजस्थान के सबसे कम उम्र के बच्चे का एक्मो हुआ - 1 News

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रविवार, 5 जून 2022

दुर्लभ जी हॉस्पिटल में राजस्थान के सबसे कम उम्र के बच्चे का एक्मो हुआ

  •  पॉच साल के बच्चे का जीवन बचाया वी एक्मो के द्वारा
  • हार्ट का काम 6 दिन तक किया एक्मो मषीन ने
  • 21 दिन तक रहा बच्चा हॉस्पिटल में भर्ती



जयपुर। 
दुर्लभ जी हॉस्पिटल के द्वारा मानसरोवर निवासी 5 वर्षीय बच्चे को एक्मों करके दिया नया जीवन। डॉ. रवि शर्मा पिडियेट्रिक इन्टेन्सिविस्ट दुर्लभजी हॉस्पिटल ने बताया की मानसरोवर निवासी 5 वर्षिय शुभम (परिवर्तित नाम) को सर्दी खासी, जुखाम की षिकायत होने पर पास के अस्पताल में दिखाया गया। जहॉ उसे कमजोरी व भूख नहीं लगने की षिकायत हुई। लेकिन उसको इन सबके बाद भी सांस लेने में समस्या आ रही थी व उसके हार्ट की आवाज भी बदल रही थी। जिसके कारण उसे दुर्लभ जी हॉस्पिटल में रैफर कर दिया गया जो उसका जीवन बचाने के लिए निर्णायक सबित हुआ। मरीज को हॉस्पिटल के आपातकालीन विभाग में डॉ. राजीव बंसल, षिषु रोग विषेषज्ञ की युनिट में भर्ती किया गया। डॉ. राजीव बंसल ने बताया की बच्चे के वाईटल्स भी बदले हुये थे व हार्ट का ईएफ जी 20 प्रतिषत ही रह गया था जो की एक सामान्य आदमी का 60 प्रतिषत व उससे अधिक होता है। 20 प्रतिषत ईएफ रहने पर विज्ञान की भाषा में जानलेवा हो सकता है। बच्चे का ईएफ इतना कम होने का कारण था उसके हार्ट के बायें चैम्बर का फेल होना था।
डॉ. रवि ने बताया की इन सबके कारण उसके शरीर के अन्य अंग भी कम काम करने लगे व उसके पेषाब की मात्रा भी सामान्य से कम हो गई और उसके गुर्दा व हार्ट का काम करना भी कम हो गया। और उसे कार्डियक अरेस्ट आया जिसकी वजह से उसे तीन बार जीवन रक्षक इलेक्ट्रिक शॉक लगाये गये लेकिन जब इन सबसे बात नहीं बनी तो 14 मई को परिजनों को समझााने के बाद उसे इन सबके बाद परीजनों के सहमती से डॉ. नीरज शर्मा, विभागाध्यक्ष कार्डियक सर्जरी दुर्लभजी हॉस्प्टिल के नेतृत्व में वीए एक्मो किया गया। जिसमें बच्चे के हार्ट को एक मषीन के द्वारा चलाया गया। इससे हार्ट को आराम मिला और 6 दिन तक बच्चे को एक्मो पर ही रखा गया इसके बाद एक्मों हटाकर उसे कुछ दिन वंेटिलेटर पर रखा व कुल 21 दिन हॉस्पिटल में रखने के बाद बच्चे को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दि गई डॉ. रवि ने बताया की अब बच्चा पूर्णरुप से स्वस्थ है।
इस अवसर हॉस्प्टिल के सचिव श्री योगेन्द्र दुर्लभ जी ने बताया की इस तरह के जीवन रक्षक उपचार केवल अन्तराष्ट्रिय स्तर की सुविधाओं वाले हॉस्प्टिल में ही उपलब्ध हो सकते है। हम चिकित्सा के क्षैत्र में शुरु से ही अग्रणी रहे है। इस कारण हमारे अनुभवी चिकित्सकों ने इस उपचार में सफलता प्राप्त की है मैं उन सबको इसकी बधाई देता हॅु।

उपचार की टीमः- डॉ. राजीव बंसल विभागाध्यक्ष बाल एंव षिषु रोग, डॉ. नीरज शर्मा विभागाध्यक्ष कार्डियक सर्जरी, एक्मो किया, डॉ. रवि शर्मा इन्टेसिविस्ट


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