- सुमन शर्मा अपने पति की पूर्व पत्नी के दोनों बच्चों को करती थी प्रताड़ित
- -विधवा कोटे से नियुक्ति कनिष्ठ सहायक है परिवादिया
जयपुर। सास की करोड़ों रुपए की संपति हड़पने के लिए पुत्रवधु द्धारा पति, ननद सहित ससुराल पक्ष के खिलाफ दर्ज कराये मुकदमे को जांच में झूठा पाए जाने पर महिला थाना,पश्चिम ने एफआर लगा दी है।
उदयपुर जिले की बड़गांव पंचायत समिति कार्यालय में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत परिवादिया सुमन शर्मा पुत्री बरधीचन्द शर्मा 158-ए वर्धमाननगर-ए, अजमेर रोड, जयपुर के दहेज प्रताड़ना के प्रकरण की गहनता से जांच के उपरांत जांच अधिकारी श्रीमती ओम कंवर उप निरीक्षक ने न्यायालय में एफआर पेश की है। विधवा कोटे से कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त सुमन शर्मा के मामले में जांच अधिकारी ने बताया कि परिवादिया ने सास के नाम पर करोड़ों रुपए का मकान हड़पने के लिए उस पर कब्जा करके अपने रिश्तेदारों को बैठा दिया।
जांच में पाया कि आरोपी सास गीता देवी, पति डॉ. अखिल जांगिड़ व अखिल की पूर्व पत्नी के दोनों बच्चे किराये के मकान में रह रहे हैं। परिवादिया द्धारा लगाए गए पूर्व पति के बेटे को जान से मारने के प्रयास संबंधी आरोप भी झूठे पाए गए हैं। परिवादिया सुमन शर्मा व आरोपी पति डॉ. अखिल जांगिड़ व सास गीता देवी के बीच प्रोपट्री को लेकर विवाद है। मकान का मालिकाना हक गीता देवी का है।
गीता देवी ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत अपने मकान का कब्जा लेने के लिए अधिवक्ता अश्विनी कुमार बोहरा द्वारा एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया था, उपखंड अधिकारी ने प्रथम दृष्टया गीता देवी के परिवाद को सही मानते हुए बहु सुमन शर्मा को मकान खाली करने का निर्देश दिया है। सुमन शर्मा ने उपखंड अधिकारी को गुमराह करने के लिए दीवानी न्यायालय में एक वाद दायर किया था किंतु दीवानी न्यायालय ने सुमन शर्मा का वाद खारिज कर दिया। सुमन शर्मा द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश में भी अपील दायर की थी जिसे भी माननीय न्यायालय ने खारिज कर दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि इसके बाद सुमन देवी ने मकान हड़पने के लिए पति व सास पर दबाव बनाने के लिए सहित अन्य लोगों पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था।
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